Ram Mandir: दंड…छत्र और पादुका लेकर समारोह में न आएं संत. ब्रजेन्द्र अवस्थी, 05/12/202305/12/2023 श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने संतों से अपील की है कि दंड, छत्र और पादुका लेकर समारोह में न आएं। अतिथियों की सूची को अंतिम रूप दे दिया गया है। अयोध्या में जुटे संघ और विहिप के पदाधिकारियों ने प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों का निरीक्षण किया। इसके अलावा रामलला का सिंहासन बनकर तैयार हो गया है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने वाले अतिथियों की अंतिम सूची तैयार हो गई है। समारोह में साधु-संतों समेत कुल सात हजार अतिथियों को आमंत्रित किया जा रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से देशभर से आने वाले संत-धर्माचार्यों से अपील भी की जा रही है कि वे दंड, छत्र, पादुका व चंवर आदि लेकर समारोह में न आएं। सोमवार को अयोध्या में संघ के चारों प्रांतों व विहिप के पदाधिकारियों ने बैठक कर अतिथियों की सूची को अंतिम रूप दिया। बैठक से पहले सभी पदाधिकारियों ने राम जन्मभूमि में चल रहे कार्यों का भी निरीक्षण किया। इसके अलावा मूर्ति निर्माण व बाग बिजेसी में निर्माणाधीन टेंट सिटी की भी प्रगति जानी। इसके बाद रामकोट स्थित ट्रस्ट कार्यालय में करीब दो घंटे तक बैठक हुई। अतिथियों के आवास, आवागमन, भोजन आदि की व्यवस्थाओं पर चर्चा हुई। अतिथियों की सूची पर गहनता से मंथन किया गया, ताकि कोई छूट न जाए। तय हुआ है कि अयोध्या से अतिथि देवो भव: का संदेश जाना चाहिए। खासकर देशभर से आ रहे विभिन्न परंपराओं के करीब 2500 साधु-संतों के स्वागत में कहीं कोई कमी न रह जाए। सुरक्षा एजेंसियों की अपील पर ट्रस्ट साधु-संतों से दंड, चंवर, छत्र व पादुका लेकर समारोह स्थल पर न आने की अपील कर रहा है।अतिथियों की व्यवस्था के लिए संघ ने क्षेत्र के सह संपर्क प्रमुख मनोज जी को दायित्व सौंपा है। बैठक में संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल, विहिप के संगठन मंत्री कोटेश्वर, विहिप के संरक्षक मंडल सदस्य दिनेश चंद्र, विहिप के केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह, ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। डॉ. कृष्णगोपाल ने की अधिकारियों के साथ बैठकसंघ के पूर्व सह सरकार्यवाह ने भी अयोध्या में कैंप कर दिया है। सोमवार को उन्होंने संघ कार्यालय में पदाधिकारियों के साथ बैठक भी की है। राम जन्मभूमि परिसर जाकर राममंदिर निर्माण की प्रगति देखी। जिलाधिकारी नितीश कुमार व नगर निगम के आयुक्त विशाल सिंह ने भी राममंदिर ट्रस्ट कार्यालय पहुंचकर डॉ़ कृष्ण गोपाल से मुलाकात की। बताया गया कि प्राणप्रतिष्ठा समारोह को लेकर अधिकारियों से चर्चा हुई। भक्तों के रहने, भोजन, इलाज से लेकर पेयजल, शौचालय आदि की व्यवस्थाओं पर चर्चा हुई। टेंट सिटी में भक्तों के लिए क्या व्यवस्थाएं की जाएं इस पर चर्चा हुई। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आएंगे केदारनाथ, बद्रीनाथ व बाबा विश्वनाथ धाम के प्रतिनिधिरामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी तेजी से चल रही है। राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। समारोह में करीब सात हजार अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, बाबा विश्वनाथ धाम व वैष्णो देवी मंदिर के भी प्रतिनिधि समारोह के साक्षी बनेंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि देश के प्रमुख मंदिरों के पुजारी आएं या नहीं, मुख्य मंदिरों के कोई न कोई प्रतिनिधि आएंगे। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा काशी के 21 वैदिक आचार्य करेंगे। पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित वैदिक आचार्यों का नेतृत्व करेंगे। काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के पांच लोग भी समारोह में शामिल होंगे। काशी विद्वत परिषद की एक टीम भी शामिल होगी। परिषद के महासचिव प्रो. रामनारायण द्विवेदी, अध्यक्ष पद्म पुरस्कार विजेता प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी, उपाध्यक्ष प्रो. रामचंद्र पांडेय, प्रो. रामकिशोर त्रिपाठी, प्रो. भगवत शरण शुक्ल व दिनेश कुमार भी समारोह में आ रहे हैं। यह सभी अतिथि समारोह के एक दिन पहले ही अयोध्या आ जाएंगे। रामलला का सिंहासन बनकर तैयारभगवान रामलला का सिंहासन बनकर तैयार हो गया है। अब सिर्फ सोने की परत चढ़ाने का काम बाकी है। रामलला का सिंहासन आठ फीट लंबा, चार फीट चौड़ा है। इसमें खास तरह की नक्काशी की गई है। इसका चबूतरा विशेष प्रकार की ईंटों से बनाया गया है। इसके बाद इस पर संगमरमर लगाया गया है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में रामलला को सोने के सिंहासन पर विराजित किया जाए ऐसी राममंदिर ट्रस्ट की तैयारी है। उत्तर प्रदेश