फुटेरा, सनोदा, रैपुरा व गोरानाद के लोग पथरीले मार्ग पर चलने मजबूर, नहीं देखी पक्की सड़क. बड़ामलहरा विस के लोग आजादी के बाद से राजनेताओं से कर रहे सड़क की मांग ब्रजेन्द्र अवस्थी, 05/11/2023 इस विधानसभा में बकस्वाहा, बड़ामलहरा, घुवारा और भगवां को छोड़कर शेष मतदाता ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करते हैं।बड़ामलहरा विधानसभा क्षेत्र की कुल जनसंख्या 3 लाख 89 हजार है। जिसमें कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 32 हजार 952 है। इसमें 1 लाख 22 हजार 227 पुरुष और 1 लाख 8 हजार 723 महिलाएं शामिल हैं। जो कृषि और जंगली सामग्री एकत्र करने का कार्य कर अपने और अपने परिवार का जीवन यापन करते हैं। इस क्षेत्र के कई गांव में आदिवासी परिवार निवास करते हैं, जिनका इस्तेमाल स्थानीय राजनेता सिर्फ मतदान के लिए उपयोग करते हैं। लेकिन गांव तक पहुंच मार्ग जैसी प्रमुख समस्याओं पर जानकारी होने के बाद भी ध्यान नहीं देते। इसलिए आज भी कई गांव ऐसे हैं जो आजादी के बाद से आम रास्ते के लिए परेशान हैं। सनोदा पंचायत तक जाने वाली सड़क डगरई तिराहा से गेवलारी, सानोदा, लहरपुरा तक का कच्ची है। इस सात किमी के रास्ते में दो पुलिया हैं, जिनमें बरसात का पानी आ जाने के कारण बकस्वाहा मुख्यालय तक आने-जाने के लिए आवागमन पूरी तरह से बंद हो जाता है। गांव के गणेश यादव, जमुना यादव, हीरा यादव, संतोष बासोर और नंदकिशोर यादव ने बताया कि इस गांव की आबादी 1900 है। इसके बाद भी गांव तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं है। इसके साथ ही गांवों में पानी और शिक्षा सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं की कमी है। इस समस्या को लेकर गांव के लोग स्थानीय राजनेताओं से भी मिले, पर अब तक कुछ नहीं हुआ। ग्रामीणों के अनुसार गांव तक जाने के लिए सिर्फ एक ही आम रास्ता है। इसी रास्ते से चार गांव के लोग आते जाते हैं। फुटेर तक आने-जाने को आम रास्ता नहीं बड़ामलहरा विधानसभा क्षेत्र की नैनागिर पंचायत अंतर्गत फुटेरा गांव आता है, जो जंगल के बीचों-बीच स्थित है। इस गांव की आबादी 600 है। लेकिन इस गांव तक पहुंचने के आज भी पहुंच मार्ग नहीं है। गांव के हनुमत लोधी, राज बहादुर यादव, सुरेश यादव और सीताराम यादव ने बताया कि नैनागिर से फुटेर गांव तक आने जाने के लिए 3 किमी का आम रास्ता नहीं है। इसलिए ग्रामीणों को पगडंडी से होकर निकलना पड़ता है। आम दिनों में तो निकलने में अधिक परेशानी नहीं होती, लेकिन बारिश के दिनों में कीचड़ और दलदल होने से पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। इस समस्या का हल कराने ग्रामीण कई बार स्थानीय राजनेताओं से मिल लेकिन हल नहीं निकला। इसलिए आज भी यहां के ग्रामीण आम रास्ते के लिए परेशान हैं। गेवलारी, सानोदा व लहरपुरा गांव तक जाने वाली सड़क कच्ची, बारिश में दिक्कत 1600 लोग खराब रास्ते से निकल रहे बड़ामलहरा विधानसभा क्षेत्र में निमानी पंचायत स्थित गोरानाद गांव आदिवासी बाहुल्य है। इसके बाद भी यह गांव बुनियादी सुविधाओं के लिए आज भी आंसू बहा रहा है। इसलिए अब तक गांव पहुंचने के लिए सड़क का निर्माण नहीं किया गया है। जिससे ग्रामीणों को कच्चे रास्ते पर मौजूद नुकीले पत्थरों पर होकर निकलना पड़ रहा है। गांव के राजू भिलाला, कैरम, सालम भिलाला, फूलबाई और नंदली बाई ने बताया कि गांव से चाचीसेमरा तिराहा तक का रोड कुछ ठीक है। इसके बाद साढ़े 5 किमी का रोड बहुत ही खराब है। जहां से गांव के 1600 लोगों को निकलना पड़ता है। यह रास्ता पत्थरों भरा होने से बच्चे स्कूल नहीं जा पाते और न ही महिलाएं पैदल निकल पाती हैं। सबसे अधिक समस्या तो तब होती है, जब गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए बकस्वाहा ले जाना पड़ता है। छतरपुर