देश में स्वच्छता में नंबर वन इंदौर अब ईवी परिवहन में बनाएगा रिकॉर्ड ROHIT AHIRWAR, 06/07/202406/07/2024 देश में स्वच्छता में नंबर वन इंदौर शहर और पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए कदम उठा रहा है। यहां के बीआरटीएस कॉरिडोर को ग्रीन मोबिलिटी कॉरिडोर घोषित किया जा गया है। अब पूरे शहर में ईवी बसों को चलाने की तैयारी है। इधर पेट्रोल और डीजल की जगह अब ई-रिक्शा ले रहे हैं। इंदौर। एक ओर जहां इंदौर शहर को हराभरा बनाने की कवायद जोरों पर जारी है, वहीं दूसरी ओर प्रदूषण को नियंत्रित करने की भी कोशिश की जा रही है। यह प्रयास ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) के संचालन के जरिये होने जा रहा है। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा ईवी परिवहन के लिए योजनाएं लेकर आ रहा है। हाल ही में प्रदेश के बजट में भी ई-बसों के संचालन को लेकर राशि रखी गई है। लगता है इस बात को शहर ने बहुत अच्छे से समझा और अब देश के सबसे स्वच्छ शहर को ईवी परिवहन के क्षेत्र में भी नंबर बनाने की कोशिश की जा रही है। शहर में 40 से ज्यादा ई-बसों का संचालन बीआरटीएस कॉरिडोर को ग्रीन मोबिलिटी कॉरिडोर घोषित किया जा चुका है। इसके साथ ही शहर में 40 से अधिक ई-सिटी बसों का संचालन हो रहा है। आने वाले समय में 230 ई-बसें शहर के अंदर और इंदौर से अन्य शहरों के बीच संचालित होंगी। ई-बसों के साथ ही शहर में चार्जिंग स्टेशन भी बढ़ाए जा रहे हैं। इधर, छोटे लोक परिवहन वाहनों में भी तेजी से डीजल और सीएनजी से चलने वाले ऑटो की जगह ई-रिक्शा ने ले ली है। विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले पांच वर्ष में इंदौर में 70 फीसदी तक ईवी लोक परिवहन का संचालन शुरू हो चुका होगा। वर्तमान में इंदौर में 40 ई-सिटी बसों का संचालन शहर में किया जा रहा है। वहीं 30 ई बसों का संचालन बीआरटीएस पर हो रहा है। निजी बस ऑपरेटर द्वारा भी 18 से अधिक ई बसों का संचालन इंदौर-भोपाल के बीच किया जा रहा है। पीएम ई-बस योजना में एआईसीटीएसएल को 150 बसें दिसंबर के पहले इंदौर को मिल जाएंगी। अमृत योजना में अब तक 30 ई-बसें मिल चुकी हैं, जबकि 50 मिलना बाकी है। इसके अलावा अमृत योजना में ही 26 ई-बसें दिसंबर तक मिलेंगी, जो इंदौर व नौ शहरों के बीच संचालित होंगी। कुल मिलाकर 225 से अधिक ई-बसों का संचालन दिसंबर तक शुरू हो जाएगा। 5500 ई रिक्शा चल रहे शहर में वाहन प्रदूषण को कम करने में शहर में दौड़ रहे 5500 से अधिक ई-रिक्शा ने अहम योगदान दिया है। दरअसल, कुछ वर्ष पहले तक शहर में 25 हजार से अधिक आटो का संचालन हो रहा था, जिसमें से अधिकांश डीजल थे, लेकिन सीएनजी आने के बाद 20 फीसदी ही डीजल ऑटो बचे। अब ई-रिक्शा आने से एक फीसदी भी डीजल ऑटो नहीं बचे हैं। इस कारण वायु प्रदूषण से राहत मिली है। पहला ग्रीन मोबिलिटी कॉरिडोर मार्च में 11.5 किमी लंबे बीआरटीएस कॉरिडोर से डीजल आइ बसों को हटाकर 30 ई बसों का संचालन शुरू किया गया। इसके साथ ही 29 सीएनजी बसों का संचालन किया जा रहा है। इसके चलते यह कारिडोर देश का पहला ग्रीन मोबिलिटी कॉरिडोर बन चुका है। 39 चार्जिंग स्टेशन वर्तमान में एआईसीटीएसएल ने शहर में ई वाहनों के लिए 39 चार्जिंग स्टेशन बनाएं हैं। इनमें 35 स्टेशन छोटे ईवी के लिए हैं। इनका सबसे ज्यादा फायदा ई रिक्शा को मिल रहा है। एआईसीटीएसएल की ई-बसों को चार्ज करने के लिए राजीव गांधी, विजय नगर, हवा बंगला और सिलिकान सिटी में चार्जिंग स्टेशन बनाए गए हैं। आगामी योजना में आईएसबीटी, नायता मुंडला, स्टार चौराहे के साथ अन्य जगहों पर भी चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इंदौर शहर में ई-बस वर्तमान में शहर में 90 ई बसों का हो रहा संचालन।दिसंबर तक शहर में 310 से अधिक हो जाएंगी ई-बसें।शहर के साथ ही अन्य शहरों के बीच भी होगा ई-बसों का संचालन।शहर में छोटे ईवी के लिए 35 चार्जिंग स्टेशन हो रहे संचालित।बसों के लिए चार चार्जिंग स्टेशन। पर्यावरण के लिए हितैषी ईवी पर्यावरण काफी बेहतर है। पेट्रोल वाहनों की बात करें एक लीटर पेट्रोल जलने पर 2.31 किलोग्राम कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करता है। एक लीटर डीजल जलने पर 2.60 किलो कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करता है, जबकि ईवी चलने पर प्रत्यक्ष रूप से किसी भी तरह का वायु प्रदूषण नहीं होता है। – पूर्व विज्ञानी डॉ. दिलीप वागेला, मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड HEALTH AND WELLNESS New Movies Link New Web Series Link trending Uncategorized छतरपुर टेक और गैजेट्स देश बुंदेलखण्ड मध्यप्रदेश मनोरंजक शिक्षा और नौकरी