Sagar News: मेहर गांव में नहीं थम रहा डायरिया का प्रकोप, पीड़ितों की संख्या चार सौ तक पहुंची ROHIT AHIRWAR, 06/07/202406/07/2024 तीन दिन में मेहर गांव से तीन सौ से अधिक लोग उल्टी-दस्त से पीड़ित होने के बाद सागर जिला अस्पताल व बुंदेलखंड मेडिकल कालेज पहुंच चुके हैं। शनिवार को गांव के ऊपर टोला में रहने वाले लोग भी होने लगे बीमार। स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में तैनात है। शासकीय छात्रावास को बनाया अस्थायी अस्पताल। सागर। जिले के मेहर गांव में डायरिया से पीड़ित मरीजों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस गांव से तीन दिन में तीन सौ से अधिक लोग उल्टी-दस्त से पीड़ित होने के बाद जिला अस्पताल व मेडिकल कालेज पहुंच चुके हैं। वहीं कुछ ग्रामीणों गांव में ही उपचार किया जा रहा है। बीमारी को देखते हुए मेहर गांव के शासकीय छात्रावास को अघोषित अस्पताल के रूप में परिवर्तित कर दिया गया हैं, जहां डाक्टरों की टीम तैनात है। वहीं दूषित पानी की समस्या को देखते हुए गांव में पानी के टैंकर भेजे जा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि मेहर स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र, आयुर्वेदिक अस्पताल और छात्रावास को अस्थायी अस्पताल बनाया गया है। यहां 30 से अधिक पलंग लगाकर मरीजों को भर्ती किया गया है। गांव में पहले आदिवासी मोहल्ला, रविदास वार्ड नारायणपुरा में मरीज मिल रहे थे, लेकिन शनिवार को ऊपर टोला में ही लोग बीमार होने लगे। जिस ट्यूबवेल से हुए बीमार, उस पर चार हजार लोग आश्रित मेहर गांव की आबादी करीब 5000 है। सरकारी ट्यूबवेल से गांव के 80 फीसदी घरों में पानी की सप्लाई होती है। ग्रामीणों ने बताया कि सरकारी ट्यूबवेल करीब 30 साल पुराना है। गर्मी के मौसम में एकमात्र इसी ट्यूबवेल से गांव के घरों में पानी सप्लाई होता है। कुछ लोग अपने निजी बोर और कुओं के पानी का उपयोग करते हैं। लेकिन गांव के तीन मोहल्लों में ही सबसे ज्यादा लोग उल्टी-दस्त के शिकार हुए हैं। इस कारण पानी से लोगों के बीमार होने पर ग्रामीण संदेह जता रहे हैं। उनका कहना है कि बारिश भी इतनी नहीं हुई कि ट्यूबवेल का पानी दूषित हो जाए। मजदूरी करने आया, बीमार हो गया बांदरी निवासी श्रीराम ने बताया कि वह मेहर गांव में मजदूरी करने गया था। उसने भी उसी बोर का पानी पिया। अब वह बीमार है। वहीं अन्य लोगों का कहना है कि प्रशासन द्वारा जो पानी के टैंकर भेजे जा रहे हैं, वे छात्रावास के पास ही खड़े हैं। पीड़ितों के बस्ती में नहीं जा रहे। इससे परेशानी हो रही है।सीएमएचओ डा. ममता तिमोरी का कहना है कि गांव के ऊपर टोला में भी उल्टी-दस्त के मरीज मिले हैं। जिनका इलाज गांव में बनाए अस्थायी अस्पताल में किया जा रहा है। कुछ को जिला अस्पताल भेजा गया है। मेहर के ऊपर टोला में चार डाक्टरों की टीम पदस्थ है। मरीजों की स्थिति में सुधार हो रहा है। अभी किसी मरीज को छुट्टी नहीं दी है। उन्हें तीन दिन रखा जाएगा। crime HEALTH AND WELLNESS trending Uncategorized छतरपुर देश धर्म और ज्योतिष बुंदेलखण्ड मध्यप्रदेश