पंजाब के युवा बेरोजगारी, कृषि संकट के साथ भ्रष्टाचार और ड्रग्स के कारण कर रहे पलायन ब्रजेन्द्र अवस्थी, 18/01/2024 प्रोफेसर शालिनी शर्मा, अमित गुलेरिया और मंजीत कौर द्वारा लिखित ‘ओवरसीज माइग्रेशन फ्रॉम रूरल पंजाब: ट्रेंड्स , कॉसेस एंड कोंसेकुएंसेस’ शीर्षक वाला अध्ययन शनिवार को सार्वजनिक किया गया. यह 2021-2023 के दौरान अर्थशास्त्र और समाजशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित किया गया था कम से कम 62 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि “खराब प्रशासन” और “प्रणालीगत समस्याओं” के कारण भी युवाओं को पंजाब छोड़ना पड़ा, जबकि 52 प्रतिशत का मानना था कि “नशीले पदार्थों का प्रचलन” पलायन का एक अतिरिक्त कारण था. कम से कम 51 प्रतिशत ने देश छोड़ने के कारणों में से एक के रूप में “गांवों में गुटबाजी” का हवाला दिया. अध्ययन में पाया गया कि केवल एक-चौथाई ने ऋण को प्रवासन का कारण बताया. लेखकों ने ग्रामीण क्षेत्रों के लगभग 9,500 घरों से जानकारी एकत्र की और निष्कर्ष निकाला कि पंजाब के 13.34 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों में कम से कम एक सदस्य ने देश छाड़ा था. प्रवासी सदस्यों वाले कुल परिवारों में से, लगभग 10 प्रतिशत सामान्य श्रेणी के थे, अधिकांश जाट सिख थे, अन्य 2 प्रतिशत अनुसूचित जाति के थे और 1.5 प्रतिशत पिछड़े वर्ग के परिवार थे. प्रवासियों वाले परिवारों में से, 10 प्रतिशत खेती के व्यवसायों में लगे हुए थे और 3 प्रतिशत से अधिक छोटे व्यवसाय, सेवा और श्रम जैसे गैर-कृषि व्यवसायों में लगे हुए थे. देश