धान खरीदी में गड़बड़ी, कलेक्टर के नोटिस के बाद नोडल अफसर ने खरीदी केंद्रों का लिया जायजा, उसके बाद भी भर्राशाही जारी ब्रजेन्द्र अवस्थी, 12/01/202412/01/2024 तय माप से ज्यादा धान की खरीदी और नमी को लेकर नोटिस के बाद नोडल अफसर व्यवस्था सुधारने खरीदी केंद्रों तक पहुंचे लेकिन इसका असर नहीं दिखा. केंद्रों में अधिक तौल की भर्राशाही जारी रही. इसपर बड़ा सवाल ये है कि क्या कलेक्टर के निर्देशों का पालन केवल खानापूर्ति के लिए किया जा रहा है. बीते बुधवार को मरोदा खरीदी केंद्र के निरीक्षण में आई गड़बड़ी के बाद धान खरीदी व्यवस्था से नाराज कलेक्टर ने जिला सहकारी बैंक के नोडल अफसर प्रहालद पुरी गोस्वामी समेत अन्य जवाबदार अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया था. जिसके बाद गुरुवार को नोडल अफसर गोस्वामी देवभोग और गोहरापदर शाखा के कई खरीदी केंद्रों में पहुंचकर व्यवस्था का जायजा लेते दिखे. फड़ के साथ-साथ समिति कर्मचारियों के दफतर में चर्चा करते भी नजर आए. कलेक्टर के निर्देश के बाद मातहत हरकत में आते जरूर दिखे, लेकिन यह भी केवल खाना पूर्ति साबित हुई. गुरुवार को नोडल ने जिन-जिन खरीदी केंद्र में पहुंच व्यवस्था दुरुस्त का दावा किया. उनके जाने के बाद व्यवस्था में कितना सुधार आया उसकी हमने पड़ताल किया तो सारे जगह पुराने ढर्रे से ही खरीदी जारी रहा. सीनापाली खरीदी केंद्र में नोडल अफसर के निकलने के 5 मिनट बाद हम पहुचे,खरीदी प्रभारी बाबू लाल साहू अपने मौजूदगी में 4 इलेकटोनिक काटे से तौल करा रहे थे. कांटे सभी के 41 किलो के भर्ती तौल रहे थे.पहुंचे किसानो से भी बात हुई,उन्होंने ने भी बताया की शुरू से यही चल रहा है. प्रभारी से सवाल किया तो उन्होंने नए बोरे में 40किलो 700 ग्राम तक तौल करने मिले निर्देश के बारे में बताया,जब उनसे हो रहे 41 किलो के तौल को लेकर सवाल किया तो चुप्पी साध लिए.चिचिया खरीदी केंद्र में कई बोरो में नमी 17 से कम दिखाया तो, ज्यादातर बोरो में 25 से30 तक नमी नजर आया. चिचिया बरबहली केंद्र में बारदाने की कमी के कारण किसान अस्तब्यस्त नजर आए.कदलीमुड़ा खरीदी केंद्र 12 किसानो का 969 क्विंटल की खरीदी होनी थी. लेकिन उठाव नहीं होने के कारण साढ़े 12 बजे तक धान की खरीदी शुरू नहीं हो सकी थी, फटे बोरे से किसान अच्छे बोरे की छटनी करते दिखे, ताकि वे धान पलटी कर सकें. जिस दिन कलेक्टर दीपक अग्रवाल धान खरीदी व्यवस्था को लेकर फटकार लगा रहे थे, उसी दिन इधर गोहरापदर खरीदी केंद्र में आधी रात तक तौलाई हुई. बोरा जमाते तक पहट (सुबह) के 4 बज गए. सूचना मिलने पर बुधवार की रात 9 बजे हम भी जायजा लेने पहुंचे. समान्य दिनों में अधिकतम 3 हजार क्विंटल खरीदी का टोकन काटा जाता था, लेकिन बुधवार को 4 हजार क्विंटल का काट दिया गया. दिन भर जवाबदार प्रभारी ड्यूटी बजाते रहे, रात को अपने विश्वनीय ऑपरेटर और कुछ निजी कर्मी के भरोसे सरकारी खरीदी छोड़ गए थे. सभी बोरे में 42 किलो का तौल हो रहा था, केंद्र की ओर से जवाबदार कोई नहीं थे, एक किसान ने मजबूरी में हुए समझौते का हवाला देकर कहा ओवर टाइम है इसलिए 42 किलो में मान गए है, दिन में 41 किलो की भर्ती हुई थी. आज सुबह खरीदी प्रभारी रामेश्वर बघेल ने सफाई देते हुए कहा की मात्रा ज्यादा होने के कारण थोड़ी अव्यवस्था हुई, किसान भिड़ जाते है टोकन कटाने, अगले दिन के लिए कोई नहीं मानता. नोडल अधिकारी प्रहलाद गोस्वामी ने नोटिस के हुआ यह दौरा पूछे जाने पर सिरे से खारिज कर दिया, यहां तक उन्होंने अब तक कोई नोटिस मिलने से इंकार भी किया. दौरे के बावजुद अव्यवस्था के सवाल पर कहा कि,मैंने तो तय मात्रा में खरीदी करने,तय मानक में नमी लेने कहा था,मेरे लौटने के बाद कोई क्या कर रहा है,कैसे बता सकता हु.वैसे भी हर जगह खड़े होकर काम करा पाना संभव नहीं है.खरीदी व्यापक तौर पर हो रहा है.नियम से खरीदी हो यह सबकी जवाबदारी है.सभी को निर्देश भी मिला हुआ है. CHHATTISGARH देश