Uttarkashi Tunnel Rescue Live news: ड्रिलिंग रुकी, बढ़ा इंतजार, अब मजदूरों को बाहर निकालने के लिए बना दूसरा प्लान. ब्रजेन्द्र अवस्थी, 25/11/202325/11/2023 Uttarkashi Tunnel Collapse Rescue Operation News Today Live: दिवाली के दिन से उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में कैद 41 श्रमिक बाहर निकले की उम्मीद लगाए हैं। उन्हें बाहर निकालने की पूरी कोशिशें हो रही हैं लेकिन हर बार मशीन के आगे बाधा आ रही है। रेस्क्यू का आज 14वां दिन है। कार्यदायी संस्थाओं पर अब तक क्या कार्रवाई हुई: धस्माना कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने कहा एमसीटी (मेन सेंट्रल थ्रस्ट) वाले संवेदनशील क्षेत्रों में 5.5 मीटर की जगह 12 मीटर चौड़ाई का काम किया जा रहा जो भू-धंसाव और भूस्खलन की बड़ी वजह बन रहा है। धस्माना ने यह भी कहा कि सरकार यह भी बताए कि सिलक्यारा सुरंग मामले के लिए जिम्मेदार किन लोगों, एजेंसियों और कार्यदायी संस्थाओं पर अब तक क्या कार्रवाई हुई। उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी का हर नेता व कार्यकर्ता भगवान से सिलक्यारा सुरंग आपदा में फंसे सभी 41 श्रमिकों के सुरक्षित निकल आने की प्रार्थना कर रहा है। कमेटी की सिफारिशों की भी अनदेखी का आरोप कांग्रेस भवन में मीडिया से बातचीत में पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा, उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग को 20 फरवरी 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स ने हरी झंडी दी। जिसमें स्पष्ट रूप से एस्केप पैसेज का जिक्र है, फिर ऐसे में बिना एस्केप पैसेज और आपातकालीन निकासी के निर्माण के प्रधानमंत्री की कमेटी के निर्णय की अनदेखी करते हुए कैसे साढ़े चार किलोमीटर की सुरंग बनाई जा रही थी। धस्माना ने कहा, केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री ने हाल ही में मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा था कि भविष्य में बनने वाली सुरंग में आपातकालीन निकासी की व्यवस्था होगी। उन्होंने कहा, चारधाम परियोजना में सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित हाईपावर कमेटी की सिफारिशों की भी अनदेखी की जा रही है। कांग्रेस ने सिलक्यारा सुरंग को लेकर खड़े किए सवाल कांग्रेस ने सिलक्यारा सुरंग को लेकर सवाल खड़े किए हैं। पार्टी के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी के एस्केप पैसेज के निर्णय के प्रमाण दिखाते हुए सुरंग निर्माण में गंभीर अनियमितता का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार बताए कि बिना एस्केप पैसेज और आपातकालीन निकासी के पहाड़ में सुरंग निर्माण का खेल किसे लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। जियो फिजिकल जांच भी नहीं आ पाई काम ऑपरेशन सिलक्यारा को शुक्रवार को शुरू करने से पहले एनएचआईडीसीएल ने पारसन कंपनी के जियो फिजिकल विशेषज्ञों से टनल के मलबे की मैपिंग कराई, जिसमें बताया कि अगले 5 मीटर तक कोई लोहे जैसा अवरोध नहीं है। हालांकि उनकी मैपिंग का ये फार्मूला 1.5 मीटर बाद ही फेल हो गया। ऑगर ड्रिलिंग में बाधा के कारण अब चलेगा मैनुअल अभियान ऑगर ड्रिलिंग मशीन के आगे बार-बार आ रही बाधा के चलते अब मैनुअल अभियान चलाया जाएगा। मैनुअल ड्रिलिंग में समय लग सकता है। इसमें अंदर फंसे मजदूर भी खेवनहार बन सकते हैं। यह विचार कल से ही चल रहा है। दो योजनाओं पर विचार शुरू तमाम व्यवधानों और उम्मीदों के बीच अब इस बात पर विचार शुरू हो गया कि क्यों ने फंसे मजदूरों से ही अंदर की तरफ से नौ मीटर मलबा हटवा दिया जाए। दूसरा विचार यह चल रहा है कि ऑगर मशीन की जगह मैनुअली कचरा हटाना शुरू किया जाए। फंसे मजदूरों से अंदर की तरफ से मलबा हटवाने की तैयारी लोहे का अवरोध आने से ऑगर मशीन लक्ष्य से नौ मीटर पहले रुक गई। जिसके बाद अवरोधों को काटकर हटाने का काम तो शुरू हुआ लेकिन इस बात पर भी विचार शुरू हो गया कि क्यों ने फंसे मजदूरों से ही अंदर की तरफ से नौ मीटर मलबा हटवा दिया जाए। अगर ये प्लान काम कर गया तो श्रमिक जल्दी बाहर आ सकेंगे। सीएम ने मातली कैंप कार्यालय में जमाया डेरा मुख्यमंत्री सुरंग में फंसे श्रमिकों की सकुशलता के लिए बुधवार से मातली में ही डटे हैं। सरकारी कार्य बाधित न हो, इसके मद्देनजर मातली से ही सीएम का अस्थायी कैंप कार्यालय संचालित हो रहा है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने जरूरी सरकारी फाइलों को देखा और उनका निपटारा किया। साथ ही उन्होंने मातली से अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। शाम को मुख्यमंत्री ने सिलक्यारा पहुंचकर वहां चल रहे रेस्क्यू अभियान का निरीक्षण किया और अभियान में जुटी टीम से वार्ता कर आवश्यक जानकारी ली। सुरक्षा कैनोपी और एस्केप टनल भी बनाई राहत और बचाव कार्यों में लगे श्रमिकों की सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। रेस्क्यू स्थल पर प्री कॉस्ट आरसीसी बॉक्स कल्वर्ट और ह्यूम पाइप के जरिए सुरक्षा कैनोपी और एस्केप टनल बनाई गई है। इससे किसी भी आपात स्थिति में सुरंग के भीतर रेस्क्यू में जुटे लोगो को सुरक्षित निकासी सुनिश्चित हो सकेगी। सुरक्षा से जुड़ी अन्य विशेष हिदायतों पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। 25 मिमी की सरिया व लोहे के पाइप बने ड्रिलिंग में बाधा इस बार भूस्खलन के मलबे में 25 मिमी की सरिया व लोहे के पाइप ड्रिलिंग में बाधा बने हैं।ऑगर मशीन के आगे आई बाधाओं को हटाने का काम शुरू किया जा रहा है। इसमें सात से आठ घंटे का समय लगता है। बरमा निकाल कर आगे आई बाधाओं को एक टीम पाइप में घुसकर गैस कटर से काट रही है। Uttarkashi Tunnel Rescue Live: ड्रिलिंग रुकी, बढ़ा इंतजार…अब मजदूरों को बाहर निकालने के लिए बना दूसरा प्लान उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए अमेरिकी ऑगर मशीन शुक्रवार शाम 24 घंटे बाद चली, लेकिन 1.5 मीटर आगे बढ़ने के बाद फिर लोहे का अवरोध आने से लक्ष्य से नौ मीटर पहले रुक गई। बचाव अभियान के 13वें दिन भी मजदूर बाहर नहीं निकल सके। आज 14वें दिन एक बार फिर मजदूरों के सकुशल बाहर आने की उम्मीद जागी है। बता दें कि बृहस्पतिवार शाम 4 बजे बेस हिलने से ऑगर मशीन ने काम करना बंद कर दिया था। मरम्मत आदि में करीब 24 घंटे बीत जाने के बाद मशीन 13वें दिन शुक्रवार शाम करीब 4:30 बजे चली तो उम्मीदें फिर जग गईं। लेकिन कुछ देर बाद ही रेस्क्यू टीमों को फिर झटका लग गया। एनएचआईडीसीएल के महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि करीब शाम 6:40 बजे मशीन की राह में फिर लोहे का अवरोध आने से काम रुक गया। अब तक मलबे में करीब 47 मीटर ही पाइप पहुंच पाया है। देश