हॉकी और शतरंज में खिलाड़ियों ने देश को किया गौरवान्वित Anjali shrivas, 21/12/2024 साल 2024 देश के लिए खेलों के लिहाज से काफी अच्छा माना जा सकता है, जिसमें एक तरफ टीम इंडिया क्रिकेट के मैदान पर टी20 वर्ल्ड कप जीतने में कामयाब रही तो दूसरी तरफ भारतीय खिलाड़ियों और टीम ने शानदार प्रदर्शन किया. खेल भी. इस साल पेरिस में ओलंपिक खेल भी आयोजित हुए, जिसमें सभी प्रशंसकों को पहले से कहीं ज्यादा पदकों की उम्मीद थी, लेकिन उन्हें थोड़ी निराशा हुई, हालांकि देश कुछ ऐसे खेलों में पदक जीतने में कामयाब रहा, जहां उम्मीदें बहुत कम थीं. था निशानेबाजी में यह पहला स्थान होगा जहां मनु भाकर ने एक नहीं बल्कि दो पदक जीते, जबकि भाला फेंक स्पर्धा में नीरज चोपड़ा इस बार स्वर्ण जीतने में असफल रहे लेकिन रजत पदक जीतने में सफल रहे. ऐसे में हम आपको साल 2024 में क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों में प्रदर्शन के बारे में बताने जा रहे हैं.भारतीय टीम जब पेरिस ओलंपिक के लिए रवाना हुई तो उम्मीद थी कि वह निशानेबाजी स्पर्धाओं में सबसे ज्यादा पदक जीतेगी, कुछ श्रेणियों में निशानेबाज पदक जीतने के बेहद करीब पहुंचकर चूक गए, लेकिन इस बार स्टार महिला निशानेबाज मनु पदक जीतने में सफल रहीं. भाकर ने निश्चित रूप से 22 साल की उम्र में 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक और 25 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर ओलंपिक में देश का मान बढ़ाने का काम किया और सफल हुए. वहीं, पैरालिंपिक में भारत की महिला राइफल शूटर अवनी लखेरा ने स्वर्ण पदक के अलावा कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दियाइस बार भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में भी शानदार प्रदर्शन किया, जहां भले ही वे स्वर्ण पदक के मुकाबले तक नहीं पहुंच पाईं, लेकिन उन्होंने कांस्य पदक जीता, जिससे प्रशंसकों को एक बार फिर भारतीय हॉकी का जादू देखने को मिला. ओलिंपिक. भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक मैच में स्पेनिश टीम को 2-1 से हराकर पदक जीता. इस मैच के बाद भारतीय हॉकी के इतिहास के सबसे सफल गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने भी खेल को अलविदा कह दियाशतरंज का नाम सुनते ही हर भारतीय प्रशंसक के दिमाग में पहला नाम विश्वनाथन आनंद का आता है, लेकिन साल 2024 में शतरंज में डी गुकेश का दबदबा देखने को मिला और वह इस खेल में देश के उभरते सितारे बन गए. गुकेश ने चीन के डिंग लिरेन को हराकर विश्व शतरंज चैम्पियनशिप का खिताब जीता. वह सिर्फ 18 साल का है. गुकेश ने 14वें और अंतिम गेम में डिंग लिरेन को हराकर विश्व चैंपियन बने.लेकिन इस बार ओलिंपिक में पहलवानों ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया. हालांकि, 21 वर्षीय अमन सहरावत कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचने में कामयाब रहे. उन्होंने पुरुषों के 57 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता, जहां वह देश के सबसे कम उम्र के ओलंपिक पदक विजेता भी बने. इस बार भारतीय भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा टोक्यो ओलंपिक की तरह स्वर्ण पदक तो नहीं जीत सके, लेकिन उन्होंने 89.45 मीटर थ्रो के साथ रजत पदक जरूर जीता. इसके साथ ही नीरज ओलंपिक में स्वर्ण और रजत दोनों पदक जीतने वाले पहले भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी बन गए. खेल