पुरी के अलावा गुजरात के अहमदाबाद, पूर्वोत्तर में त्रिपुरा, झारखंड की राजधानी रांची, वाराणसी और पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता समेत कई अन्य राज्यों में भी रथयात्राएं निकाली जाती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जगन्नाथ रथयात्रा की बधाई दी है।
अहमदाबाद रथ यात्रा के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम
अहमदाबाद की डीसीपी कोमल व्यास ने जगन्नाथ रथयात्रा आयोजन पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कहा, ‘अहमदाबाद स्मार्ट सिटी के कैमरे शहर में पहले से ही लगे हुए हैं, और रथ यात्रा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उन्हें समायोजित और ज़ूम किया गया है। जब एक जगह पर बड़ी भीड़ इकट्ठा होती है और अपने मोबाइल नेटवर्क का उपयोग करती है, तो कनेक्टिविटी प्रभावित होती है। ऐसे में पुलिस का काम बिना किसी बाधा के हो, इसके लिए हम अपने वीएचएफ सेट का उपयोग करते हैं। हम बंधे हुए हीलियम गुब्बारों का भी उपयोग कर रहे हैं। हमने जुलूस का विहंगम दृश्य प्राप्त करने के लिए हीलियम गुब्बारे पर एक कैमरा लगाया है। हमने सभी पुलिस वाहनों में जीपीएस लगाया है। अहमदाबाद की मुख्य रथ यात्रा के अलावा, शहर में 7 और रथ यात्राओं की योजना बनाई गई है। रथ यात्रा के अलावा, हमने राज्य में आयोजित की जा रही 4 विभिन्न प्रकार की भर्ती परीक्षाओं का भी प्रबंधन और सुचारू संचालन सुनिश्चित किया है। रथ यात्रा के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए 24000 कर्मियों की भर्ती की गई है।’
पहांडी रस्म शुरू
महाप्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा के लिए पहांडी रस्म शुरू हो गई है। इसके साथ ही महाप्रभु को परंपरा के अनुसार, राघवदास मठ द्वारा तैयार किया गया ताहिया पहनाया जाएगा। ताहिया फूलों का बना मुकुट होता है, जिसे रथयात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ को पहनाया जाता है। ‘पहांडी’ परंपरा के अनुसार, सबसे पहले श्री चक्रराज सुदर्शन को रथ पर चढ़ाया जाता है। उनके बाद भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ को रथ पर चढ़ाया जाता है। नृत्य हॉल से सात सीढ़ियों वाले उत्तरी निकास पर, तीनों देवता एकत्रित होते हैं और फिर रथयात्रा शुरू होगी।
क्या है रथयात्रा को लेकर मान्यता?
धार्मिक पुराणों के अनुसार, ऐसी मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ की इस रथयात्रा में शामिल होने से 100 यज्ञों के बराबर पुण्य का फल मिलता है। यही वजह है कि दुनियाभर से लोग इस यात्रा में शामिल होने पहुंचते हैं और भगवान का आशीर्वाद लेते हैं। इसके अलावा, रथ यात्रा के दौरान नवग्रहों की पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल होने मात्र से ही अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है और शुभ ग्रहों का प्रभाव बढ़ता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की शुरुआत पर लोगों को बधाई दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पवित्र रथ यात्रा की शुरुआत पर लोगों को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, ‘पवित्र रथ यात्रा की शुरुआत पर बधाई। हम महाप्रभु जगन्नाथ को नमन करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि उनका आशीर्वाद हम पर हमेशा बना रहे।’
गुजरात सीएम भूपेंद्र पटेल ने दी बधाई
गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा, ‘रथ यात्रा उत्सव के अवसर पर नागरिकों को हार्दिक शुभकामनाएं। अहमदाबाद की यह रथ यात्रा जगन्नाथ पुरी की रथ यात्रा के बाद सबसे बड़ी रथ यात्रा मानी जाती है। इस पवित्र दिन पर भगवान स्वयं नागरिकों को दर्शन देने के लिए निकलते हैं। रथ यात्रा शांतिपूर्ण और सुरक्षित रूप से आयोजित हो, इसके लिए सभी इंतजाम किए गए हैं। यह पवित्र उत्सव गुजरात और पूरे देश में सुख, शांति और समृद्धि लाए।’
पुरी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
पुरी के एसपी पिनाक मिश्रा ने कहा, ‘आज हम भगवान श्री जगन्नाथ की विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा मना रहे हैं। जैसा कि हमने अनुमान लगाया था, इस रथ यात्रा में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में भक्त पुरी आएंगे। हमने व्यापक पुलिस व्यवस्था की है। हमने पुलिस व्यवस्था को कई महत्वपूर्ण खंडों में विभाजित किया है। भीड़ नियंत्रण और विनियमन के लिए व्यवस्था की गई है। यातायात और पार्किंग से संबंधित मामलों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। भारत की राष्ट्रपति पुरी का दौरा करेंगी। इसलिए राष्ट्रपति की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विशेष व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, कई अन्य गणमान्य व्यक्ति पुरी का दौरा करेंगे। हम कई एजेंसियों के संपर्क में हैं और हम उनके साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हम तटरक्षक बल, तटीय सुरक्षा, रेलवे सुरक्षा के साथ समन्वय में हैं।’